एंग्जाइटी के कारण भी हाई बीपी की समस्या हो सकती है। अगर आपको अक्सर एंग्जाइटी यानी ज्यादा चिंता लेने की आदत है तो आपको हाई बीपी का खतरा हो सकता है। हाई बीपी की समस्या आज कल कम उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है इसलिए आपको मन को शांत रखने और चिंता को दूर करने के लिए मेडिटेशन और योगा की मदद लेनी चाहिए। इस लेख में हम एंग्जाइटी के कारण हाई बीपी का कारण, बीपी कम करने के उपाय आदि पर चर्चा करेंगे।

केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कार्यपरिषद सदस्य व वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार एंग्जाइटी के कारण हाई बीपी की समस्या हो सकती है। चिंता करने के कारण बीपी बढ़ जाता है और ज्यादा बीपी बढ़ना हार्ट अटैक की ओर संकेत करता है। मानसिक तनाव का ब्लड प्रेशर बढ़ता है। एंग्जाइटी बढ़ने के कारण हार्ट की अनियमित धडक़न की समस्या हो सकती है और हार्टबीट के असंतुलन के कारण बीपी बढ़ सकता है।

किन लोगों में ज्यादा होती है हाई बीपी की समस्या?

जो लोग अनहेल्दी आदतों के शिकार होते हैं उन्हें हाई बीपी की शिकायत हो सकती है जैसे-

  • आपको स्मोकिंग, एल्कोहल पीने की आदत से बचना चाहिए, एल्कोहोलिक ड्रिंक का सेवन करने से हाई बीपी की समस्या बढ़ सकती है।
  • आपको ओवरईटिंग करने से बचना चाहिए, जो लोग जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं उन्हें भी हाई बीपी की शिकायत हो सकती है।
  • अगर आप चिंता या एंग्जाइटी दूर करने के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो उसके साइड इफेक्ट्स के तौर पर हाई बीपी की समस्या हो सकती है।नमक की मात्रा कम करें

डॉ. द्विवेदी के अनुसार अगर आप ज्यादा चिंता करते हैं तो आपको हाई बीपी का खतरा हो सकता है, इस समस्या से बचने के लिए आपको अपनी डाइट से नमक की मात्रा कम करनी चाहिए। नमक का ज्यादा सेवन करने से हाई बीपी की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि सोडियम बीपी को बढ़ावा देने का काम करता है। आप अगर सब्जी या डिशेज में ऊपर से नमक डालकर खाते हैं तो ये आदत आज ही बंद कर दें क्योंकि इससे बीपी बढ़ सकता है।

नींद पूरी करें

आज की लाइफस्टाइल ने सबसे बुरा असर हमारे स्लीपिंग पैटर्न पर डाला है। अगर आप अपनी नींद पूरी नहीं करते हैं तो आपको एंग्जाइटी हो सकती है और हो सकता है उसी के कारण हाई बीपी की समस्या भी हो, इससे बचने के लिए आपको रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटों की नींद लेनी चाहिए। अगर आपको अनिद्रा की समस्या हो रही है तो आरामदायक वातावरण में सोएं और सोने से पहले सभी गैजेट्स को दूर कर दें ताकि नींद में खलल न पड़े, नींद पूरी होने से हाई बीपी की समस्या या चिंता कम हो सकती है।

हाई बीपी की समस्या से कैसे बचें?

  • हाई बीपी की समस्या से बचना है तो आपको योगा और मेडिटेशन की मदद लेनी चाहिए, रोजाना कम से कम आधा घंटा आपको मेडिटेशन करना चाहिए योगा में आप अनुलोम-विलोम, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  • अगर आपको एंग्जाइटी और हाई बीपी दोनों समस्याएं हैं तो आपको साइकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए, कई बार एंग्जाइटी का इलाज करने से बीपी नियंत्रण में आ जाता है।
  • आपको मानसिक समस्या या बहुत ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए, अगर आप बहुत ज्यादा टेंशन लेते हैं तो आपको एंग्जाइटी और हाई बीपी दोनों की समस्या हो सकती है।
  • अगर आप हरी सब्जियों का सेवन करेंगे या अपनी डाइट में सलाद को एड करेंगे तो हाई बीपी की समस्या से बच सकते हैं।
  • अगर आपको डायबिटीज है या आपने लंबे समय से बीपी चेकअप नहीं करवाया है तो हाई बीपी की समस्या आपको भी हो सकती है, इससे बचने के लिए समय-समय पर अपना चेकअप करवाएं।
  • यदि आपको पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर है, तो एंग्जाइटी के इलाज से आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

एंग्जाइटी के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • सीने में दर्द
  • थकान
  • नींद की समस्या

डॉ. द्विवेदी के अनुसार यदि आपको एंग्जाइटी के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने का संदेह है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन कर सकते हैं और यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या आपको कोई उपचार की आवश्यकता है।

एंग्जाइटी के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को रोकने के लिए, आप ये उपाय कर सकते हैं:

  • तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें, जैसे कि ध्यान, योग या प्रशिक्षित पेशेवर से बात करना।
  • स्वस्थ आहार खाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • शराब और धूम्रपान से बचें।

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