सीने में दर्द होना आजकल एक आम समस्या हो गया है। जब भी आप बहुत तनाव में होते हैं या फिर अत्यधिक परिश्रम करते हैं तो सीने में दर्द होना स्वाभाविक है। इसके अतिरिक्त भी सीने में दर्द के कई कारण है जैसे फेफड़े, पसली या नसों में भी कोई समस्या उत्पन्न होने पर सीने में दर्द होने लगता है।

बहुत से लोग चेस्ट में दर्द और जकडन की भावनाओं से ग्रस्त हैं। दरअसल ऊपरी छाती की मांशपेसियां आपके कंधे के रोटेशन में मददगार होती है। ऐसे में जब मांसपेशियों में तनाव आता है तो छाती के साथ गर्दन और कंधे में दर्द होता है। कुछ योग मुद्राए सीने में दर्द और जकडन में मदद करती है।

मार्जरी आसन

यदि सीने में जकडन बहुत ज्यादा बनी हुई है तो चिकित्सक से संपर्क करना आपके लिए जरुरी है। लेकिन यदि यह केवल रोजमर्रा की थकान और तनाव का परिणाम है तो मार्जरी आसन इसमें आपकी मदद कर सकता है। मार्जरी आसन का अभ्यास महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक है। इससे उन्हें दिन भर उर्जावान महसूस होता है।

मार्जरी आसन कैसे करे?

  • सबसे पहले चटाई पर अपने दोनों घुटनों और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर खड़े हो जाएं।
  • आपको अपने हाथों को जमीन पर बिलकुल सीधा रखना है ध्यान रखे हाथ कंधों की सीध में हों और हथेली फर्श पर।
  • आपके हाँथ और जांघें एक दुसरे से सामानांतर होना चाहिए।
  • अपने घुटनों को आप एक-दूसरे से सटाकर या थोड़ी दूर भी रख सकते है।
  • इसके पश्चात रीढ़ को ऊपर की तरफ उठाते हुए सांस को अंदर की और खींचें।
  • आपको तब तक इसे ऊपर उठाना है जब तक पीठ अवतल अवस्था में पूरी तरह ऊपर खिंची हुई दिखे।
  • अपने सिर को ऊपर की और उठाए रखें और पेट के पूरी तरह से हवा से भरने तक सांस खींचते रहे।
  • अब सांस को तीन सेकंड तक भीतर रोक कर रखें।
  • अपनी पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर को नीचे की और झुकाएं तथा अपनी दृष्टि नाभि की और रखे।
  • अब सांस छोड़ते हुए अपने पेट की पूरी हवा बाहर निकाल दे।
  • इसके बाद सांस को फिर तीन सेकंड के लिए रोकें और सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
  • इस तरह आपके आसन की एक प्रक्रिया पूरी हुई।
  • सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया अपनी क्षमता अनुसार ही करे।

भुजंगासन

सीने के दर्द के लिए भुजंगासन बहुत मददगार है। भुजंगासन सीने की जकडन खोलने के साथ साथ स्लिप डिस्क में भी मददगार है। जिस तरह एक सर्प का शरीर लचीला होता है उसी प्रकार इस आसन के अभ्यास से हम अपने शरीर को लचीला और फुर्तीला बना सकते हैं।  

भुजंगासन कैसे करे?

  • इसे करने के लिए पेट के बल लेटे और पैरों को सीधा व लम्बा फैला दे।
  • अपनी हथेलियों को कन्धों के नीचे जमीन पर रखे तथा सिर को जमीन से छूने दे।
  • अब धीरे-धीरे अपने सिर और कंधे को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करे।
  • धीरे-धीरे अपनी पूरी पीठ को ऊपर की ओर तथा पीछे की ओर झुकाते जाइये।
  • इस अवस्था में अपने हाथो को एकदम सीधा रखे।
  • इस आसन को करते समय जमीन से शरीर को ऊपर उठाते वक्त श्वास अंदर लीजिये और अंतिम स्थिति में श्वास अन्दर रोक कर रखें।
  • सामान्य स्थिति में लौटते वक्त धीरे-धीरे श्वास बाहर छोड़ दीजिये।
  • यह आसन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पीठ पर अत्यधिक तनाव या अनावश्यक खिंचाव न पड़े।

डॉ. ए. के. द्विवेदी

एमडी (होम्यो) , पीएचडी, एमए (योग एवं साइकोलॉजी)

सदस्य वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड, सी.सी.आर.एच., आयुष मंत्रालय, भारत सरकार

कार्यपरिषद सदस्य देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर

प्रोफेसर, एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर

संचालक, एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर एवं एडवांस्ड योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल, इंदौर

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