- एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर, एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसायटी तथा आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा डॉ. एके द्विवेदी के नेतृत्व में चलाया जा रहा है एनीमिया जागरूकता रथ
इंदौर। अमूमन देखने में आता है कि लोग खुद को स्वस्थ्य मानते हैं और पूर्ण स्वस्थ रहने के लिए थोड़ा बहुत व्यायाम भी कर लेते हैं। लेकिन आज के इस दौर में अनियमित दिनचर्या, अनियमित खानपान, चिंता आदि के कारण व्यक्ति का स्वस्थ कहीं ना कहीं खराब हो रहा है। देखने में आता है कि कई बार लोग कमजोरी, थोड़ा काम करने के बाद थकान आदि महसूस करते हैं। जिसका कारण वे दैनिक जीवन के कामों को मानते हैं। लेकिन अधिकांश के साथ ऐसा नहीं है और उन्हें पता ही नहीं होता कि वे एनीमिक है। कुछ ऐसी ही जानकारी शहर में चलाए जा रहे एनीमिया जागरूकता रथ के साथ किए जा रहे सर्वे में सामने आ रही है। शहर के विभिन्न इलाकों में बुधवार तक हुए सर्वे में 48.8 प्रतिशत लोगों में एनीमिक लक्ष्ण पाए गए हैं।
एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर, एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसायटी तथा आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा डॉ. एके द्विवेदी के नेतृत्व में 25 फरवरी से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एनीमिया जागरूकता रथ चलाया जा रहा है। इस रथ के माध्यम से चिकित्सकों की टीम पिछले 4 दिनों में शहर के कई इलाकों में पहुंचकर लोगों को एनीमिया के बारे जागरूक कर रही है। गुरुवार को रथ का पड़ाव कलेक्टोरेट, जीडीसी कॉलेज, गंगवाल, पलसीकर, चंदननगर, नूरानी नगर आदि क्षेत्रों में था। टीम के साथ डॉ. एके द्विवेदी ने भी भ्रमण करते हुए लोगों को जागरूक करने के साथ एनीमिया के लक्षण, बचाव के बारे में बताया। डॉ. द्विवेदी ने लोगों से कहा कि थकान, कमजोरी, सासं लेने में तकलीफ, सिर चकराना, चेहरे का पीलापन, दिल की धड़कन तेज होना, बालों का झड़ना आदि एनीमिया के लक्षण है। वहीं एनीमिया से बचाव के लिए जानकारी देते हुए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, मांस, अंडे, गुड़-चना इत्यादि। विटामिन बी-12 और फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे कि डेयरी उत्पाद इत्यादि। नियमित रूप से व्यायाम करें। साथ ही लोगों को एनीमिया की जानकारी वाले पेंपलेट्स का भी वितरण किया जिसमें शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए खाद्य पदार्थों की जानकारी दी गई है। टीम में डॉ. विवेक शर्मा एवं डॉ. जितेन्द्र पुरी, मेडिकल छात्र-छात्राएं व अन्य सहयोगी शामिल है जो प्रतिदिन रथ के साथ भ्रमण कर रहे हैं। एनीमिया रथ 3 मार्च शहर भ्रमण करेगा।
खून की कमी बना रही है महिलाओं को एनीमिक : डॉ. द्विवेदी
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि एनीमिया रथ के साथ चिकित्सकों की टीम भी चल रही है। लोगों को जागरूक करने के साथ ही निःशुल्क बल्ड जांच की व्यवस्था भी रथ पर है। साथ ही चिकित्सकों की टीम एनीमिया को लेकर सर्वे भी कर रही है। पिछले 4 दिनों में टीम शहर के अलग-अलग इलाकों में पहुंची है। जहां सर्वे में सामने आया कि लगभग 48.8 प्रतिशत लोग एनीमिक है। जो कि चिंता का विषय भी है। क्योंकि इसमें अधिकांश महिलाएं हैं जो खुद को स्वस्थ मानती है लेकिन उनमें खून की कमी उन्हें एनीमिक बना रही है। गौरतलब है कि नेशनल फैमेली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) 2019-2021 की रिपोर्ट में इंदौर 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया का प्रतिशत 78.8 है। 15 से 49 वर्ष की नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं का प्रतिशत 47.9 है तो गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत 52.8 है। जबकि 15 से 49 आयु वर्ग की सभी महिलाओं का प्रतिशत 48.1 है और 15 से 19 वर्ष की सभी महिलाओं का प्रतिशत 55.9 है।