• आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन और एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसायटी द्वारा आरोग्य भारती तथा सेहत एवं सूरत के सहयोग से आयोजित हुआ राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन

इंदौर। रविवार को शहर में पहली बार आयुष से जुड़ी सभी तरह की चिकित्सा पद्धतियों का राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। सम्मेलन में स्थानीय सहित देश के अन्य शहरों से भी विषय विशेषज्ञों ने शामिल होकर आयुष से जुड़ी जानकारियों को साझा करते हुए अलग-अलग विषय पर संबोधित किया।

एक दिवसीय राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन की शुरुआत सुबह 9.40 बजे अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई। मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी थे। विशिष्ठ अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरु डॉ. रेणु जैन थीं। सेमिनार की अध्यक्षता केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद्, आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में कार्यपरिषद के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने की। डॉ. द्विवेदी ने शुरुआत में सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी।

सेमिनार को संबोधित करते हुए सांसद लालवानी ने कहा कि देश मे नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद आयुष को काफी महत्व दिया है। प्रधानमंत्री जी ने जब से आयुष मंत्रालय का गठन किया है उसके बाद से आयुष से जुड़े चिकित्सक नई ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं। देश में ही नहीं बल्कि विश्व में आयुष चिकित्सा पद्धति की ओर लोगों का रुझान भी बढ़ रहा है। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए आपको ये विश्वास दिलाता हूं कि आयुष चिकित्सा को बढ़ाने में कभी भी बजट की कमी नहीं आने दूंगा और हमेशा आयुष को और बेहतर करने का प्रयास करता रहूंगा। साथ ही डॉ. द्विवेदी को राष्ट्रीय आयुष सेमिनार का आयोजन करने के लिए बधाई दी।



देअवि में शुरू करेंगे आयुष विभाग

सेमिनार को संबोधित करते हुए कुलगुरु डॉ. जैन ने कहा कि देश में आयुष चिकित्सा को लेकर काफी काम हो रहा है। आपको ये जानकारी देना चाहूंगी कि देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय जल्द ही आयुष विभाग की स्थापना करने वाला है। इसके लिए डॉ. ए के द्विवेदी जी भी लगातार प्रयास कर रहे हैं और उन्हीं के बदौलत जल्द ही आयुष विभाग स्थापित होने जा रहा है। आयुष विभाग के शुरू होने से आने वाले समय में मेडिकल स्टूडेंट्स आयुष चिकित्सा की पढ़ाई भी यहीं पर कर सकेंगे।






सेमिनार में 2 सत्र हुए, 14 स्पीकर ने करीब 20-20 मिनट संबोधित किया

सम्मेलन में 2 सत्र हुए जिसमें 14 स्पीकर ने करीब 20-20 मिनट अपना उद्बोधन दिया।। इसमें रिसर्च इन होम्योपैथी पर डॉ. सुनील रामटेके, (डिप्टी डायरेक्टर जनरल आयुष मंत्रालय), होम्योपैथी वर्किंग साइंस पर डॉ. आनंद चतुर्वेदी (सदस्य नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी), आयुर्वेद ट्रीटमेंट फॉर सिकल सेल एनीमिया पर डॉ. अतुल देसाई (गुजरात), होम्योपैथी ट्रीटमेंट ऑफ अप्लास्टिक एनीमिया विषय पर डॉ. एके द्विवेदी ने, हॉउ टू हेंडल स्ट्रेस इन डे टू डे लाइफ पर मनोरोग चिकित्सक डॉ. वैभव चतुर्वेदी ने, बॉयोकेमिकल एस्पेक्ट्स ऑफ न्यूट्रिशनल एनीमिया पर प्रोफेसर डॉ. संगीता पनेरी ने, कैंसर एंड होम्योपैथी पर प्रोफेसर डॉ. पीएन मिश्रा ने, ट्यूमर के विषय पर डॉ. प्रणव घोडगांवकर (न्यूरो सर्जन) ने, पीसीओएस एंड फाईब्रोईड दी फ्लेमिंग ऐलमेंट ऑफ दी डीकेड एंड होम्योपैथिक एप्रोच पर डॉ. दिव्या दीक्षित ने, डॉ. एसएस शर्मा ने योग चिकित्सा पर, डॉ. राघवेंद्र सिंह ने नेचुरोपैथी चिकित्सा पर, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखलेश कुमार भार्गव ने ग्लोबलाइजेशन ऑफ आयुष इन प्रेजेंट सिनेरियो पर, प्रोफेसर डॉ. नोरिन अनस ने इंपोर्टेंट रोल ऑफ यूनानी इन हेल्थ केयर पर, डॉ. यशवंत भाटी ने यौगिक डीटॉक्सिफिकेशन पर और डॉ. रवि सिंह ने इफिकेसी ऑफ होम्योपैथी इन सर्जिकल डिसीसेस विषय पर सेमिनार को संबोधित किया।

अवॉर्ड सेरेमनी के साथ हुआ समापन

सम्मेलन के समापन अवसर पर अवॉर्ड सेरेमनी हुई। इसके मुख्य अतिथि एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित थे। जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। डॉ. दीक्षित ने कहा किआयुष का यह राष्ट्रीय सम्मेलन, जिसमें संभवत: पहली बार आयुष से जुड़ी सभी चिकित्सा पद्धतियों के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों ने एक साथ एक मंच पर बैठकर विश्व को निरोगी और सुखी बनाने के लिए चिंतन-मनन किया। आज पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर लोगों का विश्वास लगातार तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए अब हमें एक ऐसे होलिस्टिक अप्रोच को अपनाने की जरूरत है, जिसमें दुनिया भर की तमाम नई और पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में समन्वित रूप से सहयोग कर कम से कम समय में हम मरीजों को जल्द से जल्द ठीक कर उन्हें स्वस्थ एवं सुखी जिंदगी का वरदान दे सकें। मैं आयोजक डॉ. एके द्विवेदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने आयुष चिकित्सा से जुड़ी सभी पद्धतियों पर बात करने के लिए प्रयास कर राष्ट्रीय आयुष सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें देशभर से आये अपनी फील्ड के विषय विशेषज्ञों दिए गए विषय पर अपनी बात प्रस्तुत की व जानकारी साझा की। अंत मे मैं एकबार फिर डॉ. द्विवेदी को साधुवाद देता हूं। इसके पहले सेमिनार के अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डॉ. एस पी सिंह, राकेश यादव, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पुरी, विनय पांडे, जितेंद्र जायसवाल आदि ने किया। सेमिनार के सभी वक्तओं को प्रमाण पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। संचालन मुकाम सिंह चौहान ने किया। आभार दीपक उपाध्याय ने माना।

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