कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और इसके कई प्रकार हैं। कैंसर के लक्षण उसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। कोई भी कैंसर शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है। कैंसर तब होता है जब शरीर में कोशिकाएं विभाजित होने लगती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे स्वस्थ ऊतक नष्ट हो जाते हैं। वहीं प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का निदान करने के लिए नियमित जांच सबसे अच्छा तरीका है। कुछ मामलों में लक्षण दिख जाते हैं और कुछ में महसूस नहीं होते और जब तक पता चलता है, तब तक देर हो चुकी होती है। फिर भी कुछ लक्षण हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। साल 2020 में लगभग 10 मिलियन लोगों की मौत कैंसर से हुई। लंग, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लिवर कैंसर पुरुषों में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, लंग, सर्वाइकल और थायराइड कैंसर सबसे आम हैं। वहीं समस्या यह है कि कैंसर के लक्षण जल्दी पता नहीं लग पाते हैं और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हालांकि कुछ लक्षण हैं जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
थकान या वजन घटनाः अगर आप अक्सर थकान या सुस्ती महसूस करते हैं, तो आपको कैंसर की जांच करानी चाहिए?। हॉपकिंस मेडिसिन के अनुसार, लगातार थकान महसूस, बिना कोशिश किए वजन कम होना या भूख में बदलाव भी कैंसर का संकेत है।
शरीर में लगातार दर्दः शरीर में लगातार दर्द जो किसी ज्ञात चोट या स्थिति के कारण नहीं होता है। कई बार आंत्र या मूत्राशय की आदतों में लगातार परिवर्तन, जैसे कब्ज, दस्त, या मल में रक्त आना भी कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
त्वचा में बदलावः त्वचा में किसी तरह का बदलाव होना जैसे मस्सों के आकार, रंग या बनावट में बदलाव होना भी स्किन कैंसर का लक्षण हो सकता है।
लगातार बुखारः बार-बार संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपका इ्यून सिस्टम कमजोर हो गया है। इसके इलावा आपको ऐसा बुखार है, जो बिना किसी स्पष्ट कारण के बना रहता है। बढ़े हुए लिम्फ नोड्स जो ठीक नहीं होते हैं और उनमें दर्द भी नहीं होता है।
पुरानी खांसीः ऐसी खांसी जो दूर नहीं होती या आवाज बैठने से बोलते समय भारीपन महसूस होना गले के कैंसर का संकेत हो सकता है। निगलते समय लगातार कठिनाई या दर्द होना भी एक संकेत है।
ब्रेस्ट में बदलावः महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा होता है हालांकि यह पुरुषों को भी हो सकता है। अगर आपको अपने ब्रेस्ट में किसी तरह का बदलाव जैसे गांठ, ब्रेस्ट की स्किन में बदलाव या निपल से स्राव होना आदि जैसे संकेत महसूस होते हैं, तो इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।

कैंसर से जुड़ी कुछ और खास बातें
- कैंसरग्रस्त कोशिकाएं लगभग किसी भी तरह की ऊतक कोशिका से बन सकती हैं।
- कैंसर की वजह से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और सांस फूल सकती है।
- कैंसर की वजह से थकान भी हो सकती है।
कैंसर से लड़ने में जागरूकता सबसे बड़ा हथियार, समय से हो निदान तो कम किया जा सकता है प्रभावः डॉ. द्विवेदी
कैंसर के मुख्य कारण
जीवनशैली संबंधी कारण: धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, अस्वास्थ्यकर भोजन, और शारीरिक गतिविधियों की कमी।
पर्यावरणीय कारण: प्रदूषण, रसायनों का संपर्क, और रेडिएशन।
आनुवंशिक कारक: कुछ प्रकार के कैंसर परिवार में अनुवांशिक रूप से हो सकते हैं।
संक्रमण: जैसे कि एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और हेपेटाइटिस बी और सी।
डर को दूर करें, जागरूकता बढ़ाएंः डॉ. एके द्विवेदी

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल (सीसीआरएच) के वरिष्ठ सदस्य और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्य परिषद सदस्य एवं देश के श्रेष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार कैंसर को लेकर डर स्वाभाविक है, लेकिन सही जानकारी, समय पर जांच और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तंबाकू और शराब से परहेज, और समय-समय पर डॉक्टर से सलाह, कैंसर से बचाव में मदद कर सकते हैं। कैंसर से लड़ाई सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास है। हमें अपने समाज को जागरूक बनाना होगा और कैंसर मरीजों को वनात्मक समर्थन देना होगा। याद रखें, कैंसर का जल्दी पता चलने पर इलाज संभव है और यह डरावना नहीं रह जाता।
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
