इंदौर। देशभर में लगातार डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी डेंगू के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं ऐसे में प्रदेश में डेंगू के खतरे को देखते हुए प्रशासन की ओर से दिशा-निर्देश जारी करते हुए लोगों को सजग रहने की हिदायत दी गई है। इंदौर में भी लगातार डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। डेंगू को लेकर लोगों में डर का माहौल भी है। देखा जाए तो डेंगू वास्तव में जानलेवा है लेकिन थोड़ी सावधानी रखी जाए तो यह जानलेवा नहीं होता। केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद् आयुष मंत्रालय भारत सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर एवं होम्योपैथिक चिकित्सक प्रोफेसर डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार होम्योपैथिक दवाइयां डेंगू के हर स्टेज पर कारगर हैं। तेज बुखार या शरीर में तेज दर्द को कम करने तथा प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने एवं ब्लीडिंग रोकने में भी होम्योपैथिक दवा मरीजों पर तुरंत लाभकारी है।
डेंगू से घबराए नहीं, होम्योपैथिक चिकित्सा में इसका कारगर उपाय…
डॉ. द्विवेदी के अनुसार 10 हजार से कम प्लेटलेट्स है तो शरीर के किसी भी अंग से ब्लीडिंग हो सकती है। यदि ऐसा हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अस्पताल में भर्ती हो जाएं। इस दौरान प्लेटलेट्स चढ़ाना भी जरूरी है। लेकिन यदि आपका प्लेटलेट्स 50 हजार से ऊपर है तब तक आप घर पर रहकर भी होम्योपैथी दवा किसी चिकित्सक की देखरेख में ले सकते हैं स्वयं घर पर चिकित्सा ना करें। लेकिन जब तक प्लेटलेट्स नार्मल नहीं हो जाती, जांच कराते रहे और होम्योपैथिक दवा खाते रहें।
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि पूरी तरह से नार्मल होने के बाद भी लोगों को 3-6 माह में पुनः सीबीसी जांच कराकर देखना चाहिए कि प्लेटलेट्स नार्मल बने हुए हैं या नहीं। कई बार मरीज को पहले डेंगू होता है फिर अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी हो जाती है, इसलिए डेंगू में सावधानी और सतर्कता जरुरी है। लेकिन इन सबके बीच घबराए नहीं। होम्योपैथी में डेंगू का उपचार हर स्टेज पर संभव है। होम्योपैथिक दवाओं के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं।
डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण आमतौर पर 4-6 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- थकान
- त्वचा पर लाल चकत्ते
डेंगू से बचाव
डेंगू से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
- मच्छरों के काटने से बचें। इसके लिए घरों में जाली लगाएं, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और सुबह-शाम मच्छरदानी के नीचे सोएं।
- अपने शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- अपने घर और आसपास के क्षेत्र में पानी जमा न होने दें।