नसून सीजन की शुरूआत हो गई है। ऐसे में खाने-पीने से ही मानसून का असली मजा आता है। इस दौरान पेट का ख्याल रखना भी जरूरी होता है। पेट में इंफेक्शन आमतौर पर दूषित खाना खाने और गंदा पानी पीने से होता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी इस इंफेक्शन के होने का खतरा रहता है। इसके अलावा पेट में इन्फेक्शन होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं।  आयुष मंत्रालय भारत सरकार, सी सी आर एच एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य और वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने कहा कि यह वायरस से होने वाली बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में वायरल गैस्ट्रोएंट्राइटिस भी कहा जाता है। इस इन्फे€क्शन के होने पर आंतों में जलन और सूजन हो जाती है। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम यानी पाचन क्रिया पर इस हद तक बुरा असर पड़ता है कि इन्फेक्शन होने पर व्यक्ति खाना क्या पानी भी नहीं पचा पाता है। इसके लक्षणों को नीचे लिखे पॉइंट्स से समझते हैं-

  • अपच यानी खाना न पचना
  • पेट में दर्द और मरोड़
  • जी मिचलाना
  • सिरदर्द
  • चक्कर
  • उल्टी
  • ठंड के साथ बुखार
  • कमजोरी

इनमें से 2-3 लक्षण दिखाई दें या पेट में असहनीय दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।

क्या खाएं

  • ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो। साथ ही हल्की और जल्दी पच जाने वाली चीजें खानी चाहिए। अगर समस्या ज्यादा हो रही हो तो बिना देर किए डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
  • दही और छाछ पेट के लिए फायदेमंद हैं। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स, डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखते हैं। इसके आलावा दही शरीर को हाइड्रेट रखता है।
  • नारियल पानी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स दस्त और उल्टी की प्रॉब्लम से बचाते हैं। ये शरीर को हाइड्रेट और हेल्दी रखने के साथ डाइजेस्टिव सिस्टम को सुधारते हैं।
  • सूप को और ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए इसमें सौंफ, पुदीना और अदरक मिला सकते हैं। इसमें प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो हेल्थ के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
  • प्रोटीन डाइट से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है। इसलिए दलिया, सूजी खा सकते हैं लेकिन प्रोटीन डाइट के तौर पर ऐसी चीजें बिल्कुल न खाएं-पिएं, जिसको पचने में ज्यादा समय लगता है। जैसे-अंडा, चिकन, मूंगफली।
  • मुलायम गूदे वाले फल जो फ्रेश यानी ताजे हों और आसानी से पेट में पच जाएं। उनका जूस या शेक भी पी सकते हैं। जैसे- केला, सेब, मौसमी।
  • नमक-चीनी का घोल पेट में इन्फेक्शन होने पर सोडियम, पोटेशियम और बाकी मिनरल भी कम हो जाते हैं।
  • नमक और चीनी का घोल रेगुलर पीने से काफी फायदा होता है। पानी के साथ इलेक्ट्रॉल पाउडर भी ले सकते हैं।
  • हल्का खाना खाएं। ग्रीन टी पी सकते हैं। दलिया, कॉर्नफ्लेक्स खाएं। इससे पेट मे हल्का महसूस होगा।
  • पुदीना में मेंथॉल के गुण पाए जाते हैं जो पेट को ठंडा रखने के साथ डाइजेशन प्रोसेस को सही से काम करने में मदद करता है। इसकी चटनी, रस, दही-छाछ में मिलाकर पी सकते हैं।

राष्ट्रीय मासिक स्वास्थ्य पत्रिका “सेहत एवं सूरत” जुलाई-2024 “पेट रोग विशेषांक…”

पेट खराब न हो, इससे कैसे बचें?

  • ताजा खाना खाएं। बासी नहीं।
  • साफ बर्तन में पकाना और खाना चाहिए।
  • बाहर का खाना खाने से बचें।
  • खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोएं।
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
  • ताजे मौसमी फल और सब्जियां खाएं।
  • एलर्जी से बचकर रहें।

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