इंदौर। औपचारिकताओं से परे ये एक ऐसा आत्मीय कार्यक्रम था, जिसमें निश्छल नेह और अपनेपन का सुर्ख रंग घुला था। भोपाल के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक और भारत सरकार सी सी आर एच, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी को सम्मानित किया। ये सम्मान उन्हें जानलेवा अप्लास्टिक एनीमिया तथा सिकल सेल जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सबसे बेहतर होम्योपैथी चिकित्सा करने के लिए प्रदान किया गया। दोनों ही विभूतियों की पहले से काफी अरसे से अच्छी जान-पहचान होने के चलते सम्मान के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉ. द्विवेदी की कुछ इस आत्मीयता से अगवानी की, कि वहाँ मौजूद मंत्रीगण एवं अन्य लोग भी प्रफुल्लित हो गये।

इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डॉ. द्विवेदी द्वारा किफायती और प्रभावी होम्योपैथिक निदान उपलब्ध कराने पर उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि डॉ. द्विवेदी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कार्यपरिषद सदस्य भी हैं। वो 25 वर्षों से अधिक समय से होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में मरीजों की सेवा कर रहे हैं। इस दौरान वो लंदन, दुबई, बाली, कनाडा जैसे अनेक विदेशी शहरों के अनेको रोगियों का जीवन स्वस्थ एवं सुखी बना चुके है।उनका सुमार हवाई यात्रा के दौरान विमान में सीपीआर देकर मरीज की जान बचाने वाले विश्व के विरले चिकित्सकों में होता है। डॉ. द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक, भारत को सिकल सेल और एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें सहयोग करने के उद्देश्य से मैं इन जानलेवा बीमारियों से मरीजों के बचाव के लिए निरंतर प्रयत्नशील हूँ। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया जी, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग धर्मेंद्र सिंह लोधी जी एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल समेत अनेक गणमान्य एवं विशिष्ट जन उपस्थित थे।

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