- एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के नवागत विद्यार्थियों ने सीखा जीवन में समय प्रबंधन
- डॉ. द्विवेदी ने विस्तार से बताया जीवन में कैसे करें समय प्रबंधन

इंदौर। एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में सोमवार को नवागत विद्यार्थियों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। जीवन में समय प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है इस पर विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री तथा केंद्रीय होम्योपैथी अनुसन्धान परिषद्, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने बतौर मुख्य वक्ता संबोधित किया। डॉ. द्विवेदी ने नवागत विद्यार्थियों को जीवन में समय कितनी महत्वपूर्ण है और समय को कैसे साधे ताकि जीवन के प्रत्येक लक्ष्य के साथ ही अपने सपनों को साकार करते हुए बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं इस बारे में उदाहरण देते हुए विस्तार से बताया।

डॉ. द्विवेदी ने कहा कि समय प्रबंधन हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण कौशल है, जो हमें अपने लक्ष्यों को सही दिशा में प्राप्त करने में मदद करता है। दुनिया में समय हर किसी के पास समान रूप से होता है, 24 घंटे। लेकिन इसे कैसे उपयोग किया जाए, यह हमारी सफलता और असफलता को परिभाषित करता है। इसके लिए जीवन में उद्देशय, प्राथमिकताएं तय करें। क्योंकि समय का सही उपयोग ही जीवन की सही दिशा तय करता है। इसलिए सबसे पहले उन कार्यों को पूरा करें जो आपके जीवन या कॉरियर के लिए सबसे अधिक मूल्यवान हैं।
दिनचर्या में क्या करना है इसकी लिस्ट बनाएं और ना कहना सीखें
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि समय को साधने के लिए प्रत्येक दिन की एक दिनचर्या बनाए। इसके लिए दिनभर में क्या-क्या करना है उसकी लिस्ट बनाएं। यह लिस्ट रात को सोने से पहले या सुबह उठकर बनाए। अपने कार्यों को चार चरणों में बांटें। महत्वपूर्ण होगा कि लिस्ट को लिखें क्योंकि लिखने से स्पष्टता आती है और भूलने की संभावना कम होती है। वहीं अपने दिन के अलग-अलग हिस्सों को विशेष कार्यों के लिए दें। बिना किसी रूकावट के काम करने के लिए निश्चित समयसीमा तय करें। इसके अलावा ऐसी गतिविधियों को अस्वीकार करें जो आपके उद्देश्य से मेल नहीं खाती हो। इसके लिए आपको अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर निर्णय लेना होंगे।
डिजिटल ध्यान भंग को नियंत्रित करें
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान डिजिटल का दौर है। डॉ. द्विवेदी ने उदाहरण दिया कि पहले बैंक में काम होने पर हम वहां जाकर लाइन में लगकर काम पूरा करते थे। लेकिन आज अधिकांश काम मोबाइल से कर लेते हैं। व्यक्ति के जीवन में डिजिटल क्रांति ध्यान भंग करने का काम भी करती है। उसे उस पर नियंत्रित कराना होगा। इसके लिए अपने आसपास मौजूद डिजिटल गैजेट्स के नोटिफिकेशन को बंद करें। सोशल मीडिया को उपयोग करने का समय सीमित करें और उत्पादकता एवं ज्ञानवर्धन के लिए ही डिजिटल टूल्स का उपयोग करें।
मल्टीटास्किंग से बचें, आराम का समय रखें
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि व्यक्ति को जीवन में मल्टीटास्किंग से बचना चाहिए। एक समय में एक कार्य पर ही ध्यान केंद्रित करें। इससे काम की गुणवत्ता व समय दोनों में सुधार होगा। वहीं दिन के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें। पर्याप्त नींद और शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
समय प्रबंधन से मिलती है आत्म संतुष्टि
डॉ. द्विवेदी ने कहा कि जीवन में समय प्रबंधन के अनेकों फायदे हैं। व्यक्ति यदि जीवन में समय प्रबंधन सीख जाए तो वो कम समय में अधिक काम कर सकता है। निर्णय लेने की क्षमता में सुधार आता है, समय पर या समय से पहले काम होने पर आत्म संतुष्टि मिलती है। बेहतर समय प्रबंधन से व्यक्ति को नई स्किल्स सीखने और व्यक्तिगत विकास के लिए समय मिल पाता है। कुल मिलाकर निष्कर्ष यही है कि समय प्रबंधन जीवन को सरल, संगठित और उत्पादक बनाता है। यह सफलता की कुंजी है, जो न केवल हमारे व्यक्तिगत बल्कि पेशेवर जीवन को भी बेहतर बनाता है। समय का सम्मान करके हम अपने जीवन को आधिक सार्थक बना सकते हैं। समय प्रबंधन पर हुई एक दिवसीय कार्यशाला में बड़ी संख्या में कॉलेज के नवागत छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
