हाल में देशभर में डेंगू पीड़ित रोजाना सामने आ रहे हैं। हर तरफ डेंगू और इसके अलावा चिकनगुनिया के मरीजों भी बढ़ रहे हैं। डेंगू एक खतरनाक बीमारी है जो किसी संक्रमित मच्छर के काटने से होती है। डेंगू बीमारी में मरीज को तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों में दर्द, उल्टी आना और मसूड़ों से खून निकलना आदि लक्षण होते हैं। डेंगू वह खतरनाक वायरस होता है जिसमें मरीज की WBC (व्हाइट ब्लड सेल्स) की संख्या बहुत ही कम होने लगती है। प्लेटलेट्स भी अचानाक से गिरने लगती है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय सीसीआरएच के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य तथा देश के श्रेष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार इस बीमारी में होम्योपैथिक उपचार बेहद कारगर होता है। सबसे अहम बात यह है कि डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही रोगों में रोगी के कम हुए प्लेटलेट्स, तेजी से बढ़ाना जरूरी है। इस कार्य में होम्योपैथी दवाएं अत्यंत प्रभावकारी साबित होती हैं। होम्योपैथिक दवाओं का मरीज पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। साथ ही यह दवाएं बीमारी को जड़ से खत्म कर देती हैं। कुछ दवाओं की बात करें तो उनमें शामिल है आरसेनिक, ब्रायोनिया, एल्ब यूपीटोरियम, जेलसिमियम और रस-टाक्स शामिल हैं। जैसे ही बीमारी ठीक होने लगती है शरीर खुद से ही प्लेटलेट्स बनाने लगता है। ब्रायोनिया डेंगू के मरीजों के लिए लाभकारी है। इस दवा को डेंगू बुखार के साथ अन्य लक्षण जैसे मांसपेशियों में दर्द, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, आंखों में दर्द, बैचेने पर दिया जाता है। लेकिन डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले डॉक्टर से उपचार लें और उनके मार्गदर्शन में ही दवा का सेवन करें।
प्लेटलेट्स बढ़ाने में अत्यंत प्रभावकारी हैं होम्योपैथी दवाएं
डेंगू के मरीज अपनी दिनचर्या में भी करें बदलाव
डॉ. द्विवेदी के अनुसार चाहे कोई भी बीमारी हो रोगी को अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करना चाहिए। होम्योपैथिक दवाएं शरीर में असर कर सके, इसलिए डॉक्टर की सलाह को अपनाना मरीज के लिए बेहद जरूरी होता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डेंगू मरीज के आसपास का वातावरण साफ रहे। इस दौरान रोगी को भरपूर मात्रा में फाइबर और पोषक आहार दिए जाना चाहिए। डेंगू के मरीज के ठीक होने के बाद मरीज एकदम से ठीक नहीं होता है, इसलिए जरूरी है कि वे ठीक होने के तक सामान्य प्राणायाम और व्यायाम को नियमित रूप से करते रहें, इससे बीमारी के दोबारा होने की आशंका कम हो जाती है। इससे मरीज की कमजोरी भी जल्द ही दूर हो जाती है। प्रोटीन युक्त आहार का सेवन ज्यादा करना चाहिए।