गलत खानपान या लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ गलत आदतों की वजह से कभी-कभी कब्ज की समस्या होना आम बात है। लेकिन अगर कई हफ्तों या महीनों से आपकी कब्ज की समस्या ठीक नहीं हो रही है तो इसे अनदेखा ना करें। लंबे समय तक कब्ज से पीड़ित रहने से पाइल्स या इरीटेबल बॉवेल सिन्ड्रोम जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। लंबे समय तक रहने वाली कब्ज को ही पुरानी कब्ज या क्रोनिक कब्ज कहा जाता है। इस लेख में केंद्रीय होम्योपैथी अनुसन्धान परिषद्, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य तथा वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी से जानिए कि कब्ज होने के मुख्य कारण क्या है और पुरानी कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आप किस तरह के आयुर्वेदिक उपाय अपना सकते हैं।
कब्ज क्या है?
आम भाषा में कहें तो सुबह शौच के समय ठीक से पेट साफ ना होना ही कब्ज है। कब्ज के कारण पेट में मल जमा होने लगता है और शौच के दौरान पूरी तरह बाहर नहीं निकलता है। जिसकी वजह से शौच के दौरान बहुत प्रेशर डालना पड़ता है और इस प्रेशर की वजह से शौच के समय तेज दर्द और जलन होने लगती है। एक हफ्ते में तीन या उससे भी कम बार शौच करना कब्ज की समस्या मानी जाती है। ऐसे में कब्ज दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं या नजदीकी डॉक्टर से मिलें।
कब्ज के लक्षण
– सप्ताह में तीन से कम बार मल त्यागना या शौच करना
– गांठदार या कठोर मल होना
– मल त्यागने के लिए जोर लगाना
– ऐसा महसूस होना जैसे आपके मलाशय में कोई रुकावट है जिससे मल आसानी से बाहर नहीं निकल रहा है
– शौच करने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होना
– शौच के दौरान अपने पेट पर दबाव डालने के लिए अपने हाथों का उपयोग करना और मलाशय से मल को निकालने के लिए उंगली का उपयोग करना
– अगर आपने पिछले तीन महीनों में इनमें से दो या अधिक लक्षणों का अनुभव किया है तो यह दर्शाता है कि आप पुरानी या क्रोनिक कब्ज से पीड़ित हैं
कब्ज के मुख्य कारण
कब्ज होने के कई कारण हैं जिनमें अधिकांश कारण आपके खानपान से ही जुड़े हुए हैं। आइए कब्ज के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
कम पानी पीना
कम पानी पीने से मल की गति में रुकावट होती है और इससे पेट में पड़ा मल ठोस या कड़ा होने लगता है। जिससे कब्ज होने लगता है। अगर आप दिनभर में सिर्फ 2-3 गिलास ही पानी पी रहे हैं तो कब्ज होना लगभग तय है। इसलिए कोशिश करें कि दिन भर में कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पिएं।
फाइबर से भरपूर चीजें कम खाना
फाइबर युक्त आहार न पाने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता है जिससे मल को बाहर निकालने में कठिनाई होने लगती है। इसलिए अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां शामिल करें।
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)