- कम्युनिटी हेल्थ एवं वेलफेयर के अंतर्गत एनीमिया जागरूकता रथ सप्ताह की शुरुआत
- एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर के तत्वावधान में 2 मार्च तक शहर में भ्रमण करेगा एनीमिया जागरूकता रथ

इंदौर। एनीमिया एक साधारण बीमारी नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियों की जड़ है। इंदौर में हमने हाल ही में 40 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के 220 लोगों की रैंडमली जांच कराई तो उनमें से 109 को खून की कमी (एनीमिया) पाई गई जो कि 49.6 प्रतिशत होता है। ऐसे में यदि पूरे देश की बात करें तो भी स्थिति काफी चिंताजनक है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस पर चिंता जताई है। इस स्थिति में सुधार कर एनीमिया मुक्त भारत बनाने के लिए एनीमिया जागरूकता रथ जैसे अभियान बेहद जरूरी हो गए हैं।
यह बात आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य तथा प्रख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने आज एनीमिया जागरूकता रथ सप्ताह के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। कम्युनिटी हेल्थ एवं वेलफेयर के अंतर्गत भारत सरकार के एनीमिया मुक्त अभियान के तत्वावधान में मनोरमागंज स्थित एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर भी 40% बच्चे और 37% गर्भवती महिलाएं (49 साल से कम उम्र की) एनीमिया से ग्रस्त हैं। ये गंभीर बीमारी अब हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। पोषण की कमी,अस्त व्यस्त एवं अति व्यस्त जीवनशैली और स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण यह चिंताजनक स्थिति बन रही है। इस पर नियंत्रण रखने के लिए ही हम विगत एक दशक से भी अधिक समय से जागरूकता अभियान के तहत एनीमिया मुक्त सप्ताह जैसे आयोजन कर रहे हैं। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि इंदौर सांसद श्री शंकर लालवानी, विशिष्ट अतिथि शोभा ताई पैठनकर एवं एडीजे श्री अविनाश शर्मा, विशेष अतिथि डॉ. वैभव चतुर्वेदी एवं कनक चतुर्वेदी थीं।
मैं डॉ. द्विवेदी के एनीमिया जागरूकता कार्यक्रम का 10 साल से साक्षी बन रहा हूं – सांसद लालवानी

सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि पिछले करीब 10 साल से डॉ. द्विवेदी द्वारा चलाए जा रहे एनीमिया जागरूकता सप्ताह का मैं साक्षी बन रहा हूं। डॉ. द्विवेदी द्वारा चलाये जा रहे इस तरह के जागरूकता अभियान को अन्य डॉक्टरों को भी चलाना चाहिए। डॉ. द्विवेदी द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से किए जा रहे गंभीर बीमारियों के इलाज के मरीजों को भी मैं देखता आ रहा हूं। गंभीर बीमारियों में होम्योपैथिक उपचार काफी कारगर साबित हो रहा है। मैं अप्लास्टिक एनीमिया के कई ऐसे मरीजों से भी मिला हूं जिनका उपचार डॉ. द्विवेदी ने होम्योपैथिक दवाओं से किया है और उन्हें अब काफी राहत है।
श्रीमती शोभा पैठनकर ने कहा कि व्यक्ति को स्वस्थ रहना है तो उसके लिए उसका हिमोग्लोबिन सही होना चाहिए। इस तरह के जागरूकता अभियान समय-समय पर चलाया जाना चाहिए। डॉ. वैभव चतुर्वेदी ने वर्तमान में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को लेकर कहा कि व्यक्ति को तनाव से दूर रहना चाहिए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के छात्र-छात्राओं व अन्य युवाओं की रक्त जांच भी की गई। जिनकी रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अधिक चिंताजनक

25 वर्षों से अधिक समय से होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से रक्तजनित रोगों पर रिसर्च करते हुए मरीजों को राहत दिला रहे डॉ. द्विवेदी के अनुसार शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में एनीमिया के पेशेंट अपेक्षाकृत अधिक हैं। देश में एनीमिया के प्रसार को कम करने के लिए एनीमिया मुक्त भारत रणनीति लागू है। इसके तहत, आयरन और फोलिक एसिड की खुराक दी जाती है। एनीमिया के अलग-अलग प्रकारों में मुख्य रूप से आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया, मेगालोब्लास्टिक एनीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, सिकल सेल एनीमिया, हीमोलाइटिक एनीमिया, थैलेसीमिया से संबंधित एनीमिया शामिल है। संतुलित आहार, जीवनशैली में सुधार और चिकित्सा पद्धतियों को अपनाकर इसे रोका और ठीक किया जा सकता है। एनीमिया से बचने के लिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, चुकंदर, सूखे मेवे, गुड़ और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ अवश्य शामिल करें।
एनीमिया से बचाव में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति कारगर

एनीमिया के उपचार के लिए कई प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां उपलब्ध हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति एक सुरक्षित विकल्प है, जो शरीर के अंदर से रोग को जड़ से ठीक करने का कार्य करती है। होम्योपैथिक चिकित्सा शरीर के प्राकृतिक हीलिंग प्रोसेस को बढ़ावा देती है। यह धीरे-धीरे लेकिन स्थायी रूप से एनीमिया को ठीक करने में सहायक होती है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता जिससे इसे गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। एनीमिया सप्ताह के जागरूकता रथ को सांसद शंकर लालवानी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि शोभा ताई पैठनकर और विशेष अतिथि डॉक्टर वैभव चतुर्वेदी, डॉ कनक चतुर्वेदी, श्री दीपक उपाध्याय, डॉ विवेक शर्मा, डॉ जितेंद्र पूरी, श्री विनय पांडेय समेत बड़ी संख्या में चिकित्सक, मरीज एवं उनके परिजन मौजूद थे।
